Lakshya Sen Misses Bronze: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन सोमवार (05 अगस्त 2024) को ओलंपिक पदक और भारतीय बैडमिंटन इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने से चूक गए। दरअसल 22 वर्षीय शटलर पुरुष एकल में कांस्य पदक के मुकाबले में मलेशिया के ली ज़ी जिया से तीन गेमों में 21-13, 16-21, 11-21 से 71 मिनट में हार गए। पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए यह एक और दिल तोड़ने वाला चौथा स्थान था, क्योंकि करीबी हार का सिलसिला पिछले कुछ समय से लगातार जारी रहा है।
Lakshya Sen Misses Bronze at Paris Olympics 2024
आपको बताते चलें कि लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने मैच की शानदार शुरुआत की थी, उन्होंने पहले गेम में पूर्व ऑल-इंग्लैंड चैंपियन ली को 21-13 से हराकर पूरी आक्रामकता दिखाई। हालांकि दूसरे और तीसरे गेम में लय कमजोर हो गई। जब ली ने अपनी पकड़ बनानी शुरू की और लक्ष्य के आक्रामक हमले को नाकाम कर दिया। यह अल्मोड़ा के इस खिलाड़ी के लिए दिल तोड़ने वाला पल था, जिसने पेरिस में अपने सपनों का सफर एक कड़वे नोट पर खत्म किया।
लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) पिछले हफ्ते उच्च रैंकिंग वाले चोउ टिएन चेन को हराकर ओलंपिक में बैडमिंटन एकल सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष व्यक्ति बन गए थे। हालांकि वह सेमीफाइनल में टोक्यो ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन से सीधे गेम में हार गए और फिर खेलों में अपने आखिरी गेम में उच्च रैंकिंग वाले ली से भी हार गए। कांस्य पदक मैच में लक्ष्य सेन की हार के साथ भारतीय शटलर पेरिस ओलंपिक से खाली हाथ लौटेंगे।
गौरतलब है कि 2008 के बाद यह पहली बार है जब भारत ओलंपिक में बैडमिंटन पदक जीतने में विफल रहा। उस समय साइना नेहवाल ने लंदन खेलों में कांस्य पदक जीता था, जबकि पीवी सिंधु ने 2016 में रियो में रजत और 2021 में टोक्यो में कांस्य पदक जीता। लेकिन लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) को इस हार से निराश होने की कोई जरूरत भी नहीं है, क्योंकि पूरे देश को उनपर गर्व है और हमेशा रहेगा। उनका प्रदर्शन इस बार के ओलंपिक में बेहद ही कमाल का रहा है। जो की इतिहास में पहले कभी नहीं था।
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