Navdeep Singh Gold Beit Sadegh Controversy: एथलेटिक्स समुदाय तब स्तब्ध रह गया, जब पेरिस पैरालिंपिक में पुरुषों की भाला फेंक F41 में गोल्ड मेडल जीतने वाले ईरान के बेत सादेघ को अयोग्य घोषित किए जाने के कारण उनका खिताब छीन लिया गया। सादेघ का 47.64 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ने वाला प्रयास (जिसके कारण उन्हें शीर्ष स्थान मिल गया था) को पैरालिंपिक नियामक समिति ने आचार संहिता के उल्लंघन के आधार पर रद्द कर दिया। जिससे भारत के नवदीप सिंह का रजत पदक अप्रत्याशित स्वर्ण पदक में बदल गया।
Navdeep Singh Gold Beit Sadegh Controversy
आपको बताते चलें कि घटनाओं के इस अप्रत्याशित मोड़ ने भारत के नवदीप सिंह के भाग्य में महत्वपूर्ण बदलाव किया, जिन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। सादेघ के अयोग्य घोषित होने के साथ ही, नवदीप के 47.32 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास को गोल्ड मेडल में अपग्रेड कर दिया गया, जो भारतीय दल के लिए एक आश्चर्यजनक लेकिन प्रशंसनीय जीत थी। सदेघ ने 47.64 मीटर के अपने प्रभावशाली पांचवें प्रयास के साथ सभी अन्य प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता। नवदीप सिंह (जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 47.32 मीटर था) को सिल्वर मेडल मिलने की उम्मीद थी।
बेत सादेघ (Beit Sadegh) और उनकी टीम पहले से ही उनकी जीत का जश्न मनाने की तैयारी कर रही थी, उनके परिवार के लोग स्टैंड से जयकारे लगा रहे थे। हालांकि जब सादेघ और उनकी टीम को उनके अयोग्य घोषित किए जाने की सूचना दी गई, तो जश्न अचानक रोक दिया गया। यह निर्णय वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स नियमों और विनियमों के नियम 8.1 के तहत लिया गया। जो आचार संहिता और नैतिकता से संबंधित है।
वहीं डब्ल्यूपीए के बयान में कहा, “वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स (WPA) पैरा एथलेटिक्स के खेल में ईमानदारी, नैतिकता और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। एथलीट, कोच, अधिकारी और प्रशासकों सहित खेल में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों की जिम्मेदारी है कि वे इन मानकों को बनाए रखें और सुनिश्चित करें कि खेल निष्पक्ष, ईमानदार और पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाए।”
गौरतलब है कि पेरिस पैरालिंपिक समिति द्वारा सादेग की अयोग्यता का सही कारण आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया है। हालांकि अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह सादेग द्वारा अपनी जीत के बाद एक रहस्यमयी झंडा फहराने से संबंधित हो सकता है। पूरी तरह से काले रंग के झंडे पर लाल रंग से अरबी में पाठ लिखे हुए थे। जो अब सोशल मीडिया पर फैंस के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यह स्थिति एथलेटिक्स समुदाय के भीतर गहन चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि निर्णय के पीछे का कारण अभी भी रहस्य बना हुआ है।
वहीं सोशल मीडिया पर मामले को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। एक यूजर ने इंटरनेट पर लिखा, “बेत सयाह ने स्वर्ण पदक जीता लेकिन गैर-पेशेवर होने और शिया झंडा दिखाने के कारण तुरंत ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह बहुत ही शर्मनाक और शर्मनाक व्यवहार है। जाओ और घर पर ही अपनी खय्यामली करो। तुम पैरालिंपिक में ईरान का प्रतिनिधित्व करते हो, शिया इस्लाम का नहीं।”
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