पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स का कमाल जारी है. पुरुषों की हाई जंप (T47) में भारतीय एथलीट निषाद कुमार ने कमाल दिखाते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया है. निषाद ने 2.04 मीटर की इस सीजन की अपनी सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई।
इसके साथ ही भारत ने इस पैरालंपिक में सातवां मेडल जीत लिया है. वहीं, एथलेटिक्स में यह भारत का तीसरा पदक है. निषाद (24) ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में भी इस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. पुरुषों की हाई जंप (T47) में अमेरिका के रोडरिक टाउनसेंड पहले नंबर पर रहे, उन्होंने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया, टाउनसेंड ने टोक्यों पैरालंपिक में भी गोल्ड जीता था।
Nishad Kumar ने 11 खिलाड़ियों को पछाड़ा:
निषाद ने इस इस प्रतियोगिता में 11 खिलाड़ियों के बीच अपना दबदबा बनाते हुए शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि, टाउनसेंड ने 2.12 मीटर का मार्क पार करते हुए सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीत गए. बता दें कि निषाद ने टोक्यो से अपने पदक को और बेहतर बनाने के लिए पेरिस पैरालंपिक में भाग लिया था. हालांकि, अमेरिकी एथलीट टाउनसेंड एक बार फिर निषाद के लिए बाधा साबित हुए।
इस बीच, एक अन्य भारतीय हाई जंपर राम पाल ने भी बेहतरीन (1.95 मीटर) प्रदर्शन किया। हालंकि, वह सातवें नंबर पर रहे। निषाद से पहले पेरिस पैरालंपिक के एथलेटिक्स में प्रीति पाल ने अपना दूसरा पदक (कांस्य) जीता था, जो महिलाओं की 200 मीटर T35 प्रतियोगिता थी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं
भारत के प्रधानमंत्री ने भी इस मेडल को लेकर अभी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के इसके बारे में जानकारी दी है और उन्हें बधाई देते हुए उनकी काफी तारीफ की हैं।
Congrats to @nishad_hj for his remarkable achievement in winning a Silver medal in the Men's High Jump T47 event at the #Paralympics2024! He has shown us all that with passion and determination, everything is possible. India is elated. #Cheer4Bharat pic.twitter.com/SBzJ3nZUDz
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2024
माँ खेला करती थी वॉलीबॉल
बता दें कि छह साल की उम्र में निषाद को एक गंभीर हादसे का सामना करना पड़ा था. तब उनके परिवार के खेत पर घास काटने वाली मशीन से उनका दाहिना हाथ कट गया था. इसके बावजूद, उन्होंने खेलों खासकर एथलेटिक्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इसके लिए उनकी मां ने उन्हें प्रेरित किया, जो खुद एक राज्य स्तरीय वॉलीबॉल खिलाड़ी और डिस्कस थ्रोअर रही हैं. निषाद ने 2009 में पैरा-एथलेटिक्स में कदम रखा था
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