ब्रॉन्ज मेडल से चूके लक्ष्य सेन, मलेशियन खिलाड़ी ने हराया!
आज (5 अगस्त) पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन पुरुष एकल के मुकाबले में लक्ष्य सेन का सामना मलेशिया के ली जी जिया से हुआ. जहां मलेशियाई खिलाड़ी ने भारतीय शटलर को हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
आज (5 अगस्त) पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन पुरुष एकल के मुकाबले में लक्ष्य सेन का सामना मलेशिया के ली जी जिया से हुआ. जहां मलेशियाई खिलाड़ी ने भारतीय शटलर को हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
बता दें, इस मैच में लक्ष्य सेन ने पहला गेम 21-13 से अपने नाम किया था. लेकिन इसके बाद दूसरे और तीसरे गेम में मलेशियाई खिलाड़ी ने जबरदस्त वापसी की और ये मैच अपने नाम कर लिया.
लक्ष्य सेन को ली जी जिया ने 13-21, 21-16 और 21-11 से हराया. इस तरह लक्ष्य इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करवाने से चूक गए.
मेडल मैच गंवाने के बाद लक्ष्य ने स्पोर्ट्स 18 से बात की. इस दौरान वह काफी हताश और टूटे हुए लग रहे थे. उनसे जब मैच के बारे में पूछा गया तो लड़खड़ाती आवाज में लक्ष्य ने कहा, “इस समय मैं कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हूं.”
आपको बता दें, भारत को 12 साल बाद ओलिंपिक में बैडमिंटन में कोई मेडल नहीं मिला है. इससे पहले पीवी सिंधु और साइना नेहवाल ने लगातार तीन ओलिंपिक गेम्स में मेडल दिलाए थे. सिंधु ने टोक्यो 2020 में ब्रॉन्ज, 2016 में सिल्वर और साइना ने 2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे.
हालांकि, भारतीय बैटमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचा है. बता दें, वह ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.
वहीं, अगर लक्ष्य सेन यह मुकाबला जीत जाते तो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन जाते.
बताते चलें कि आज तक ओलंपिक में कोई भी भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी मेडल नहीं जीत पाया है. ऐसे में लक्ष्य सेन की हार के साथ ही बैडमिंटन में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है.
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