कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ पहलवान दूसरी बार दिल्ली के जंतर-मंतर में धरने पर बैठे हैं। उन्होंने सिंह पर यौन शोषण सहित गंभीर आरोप लगाए हैं। इन पहलवानों में कई ओलंपिक पदक विजेता पहलवान भी शामिल हैं। ये पहलवान 23 अप्रैल को दूसरी बार धरने पर बैठे थे। उनका धरना लगातार छह दिन से जारी है। पहलवानों के समर्थन में खेल जगत की कई बड़ी हस्तियों आ गई हैं। दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, निकहत जरीन समेत गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने इन पहलवानों के लिए न्याय की मांग की है।
निकहत जरीन (Nikhat Zareen)
निकहत ने कहा, अपने ओलंपिक और विश्व पदक विजेताओं को इस हालत में देखना दिल दुखाने वाला है। खिलाड़ी गौरव और ख्याति लाकर देश की सेवा करते हैं। मैं पूरी उम्मीद और प्रार्थना करती हूं कि कानून अपना काम करे और पहलवानों को जल्द से जल्द न्याय मिले। जय हिन्द।
सानिया मिर्जा (Sania Mirza)
एक एथलीट और एक महिला के रूप में यह देखना बहुत मुश्किल है.. उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया है और हम सभी ने उस पर उनके साथ जश्न मनाया है, .. यदि आपने ऐसा किया है तो अब समय आ गया है कि इसमें उनके साथ मुश्किल समय में भी खड़े हों.. यह बेहद संवेदनशील मामला है और गंभीर आरोप हैं।
वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag)
बहुत दुःख की बात है की हमारे चैंपियंस, जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है , झंडा लहराया है , हम सबको इतनी खुशियां दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है। बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।
नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra)
न्याय की मांग को लेकर हमारे खिलाड़ी सड़क पर हैं, यह देखकर मुझे दुख होता है। हमारे महान देश का प्रतिनिधित्व करने और गौरवान्वित महसूस कराने के लिए इन खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की है। एक देश के रूप में हम अखंडता की रक्षा और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा के लिए जिम्मेदार है, चाहे वो एथलीट हो या नहीं। जो हो रहा है, यह कभी नहीं होना चाहिए। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसका हल निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। न्याय सुनिश्चित कराने के लिए ऊपर बैठे लोगों को भरोसा दिलाना चाहिए।
अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra)
एक खिलाड़ी के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हम हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं। यह देखना बेहद दुखद है कि भारतीय कुश्ती प्रशासन में उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ हमारे खिलाड़ियों को सड़कों पर विरोध करना जरूरी लग रहा है।
पीटी उषा (PT usha)
मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए आईओए की एक समिति और एथलीट आयोग है। सड़कों पर जाने के बजाय उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे आईओए में नहीं आए। वे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे। थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए। हमारे पास न आकर वे सीधे सड़कों पर चले गए हैं, यह खेल के लिए अच्छा नहीं है। वे जो कर रहे हैं वह देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है।
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